बचपन
#स्मृति_कविता
पीछे मुड़कर जो देखती हूं तो
अतीत की स्मृतियों में चलता है
चलचित्र की भांति गुजरा ज़माना बचपन का
अभी भी भूले नहीं हैं साथ खेले बचपन के खेल
एक दूसरे के पीछे भागना
और दौड़ के कहना आ छूले
वो खिलौने वो गुडिया गुड़िया का बड़ा होना
फिर गुड़िया की शादी शादी में...
पीछे मुड़कर जो देखती हूं तो
अतीत की स्मृतियों में चलता है
चलचित्र की भांति गुजरा ज़माना बचपन का
अभी भी भूले नहीं हैं साथ खेले बचपन के खेल
एक दूसरे के पीछे भागना
और दौड़ के कहना आ छूले
वो खिलौने वो गुडिया गुड़िया का बड़ा होना
फिर गुड़िया की शादी शादी में...