गज़ल 5
किस तरह तेरे जलवाओं को चुराए यै दिल।
खोके ये होश फिर क्यों होश में आए ये दिल?
देख के जलवे ये खुद को ही जला बैठा है।
तिस्ता लव होके क्यों पानी उठाए ये दिल?
उठा के पर्दा क्यों फिर पर्दा गिराया तूने?
होके दीवाना मुझको है जलाए ये दिल।
ढूंढता तुझको है हर सिम्त देखता है तुझे।
अब मुझको ख़ाक में है यार मिलए ये दिल
खोके ये होश फिर क्यों होश में आए ये दिल?
देख के जलवे ये खुद को ही जला बैठा है।
तिस्ता लव होके क्यों पानी उठाए ये दिल?
उठा के पर्दा क्यों फिर पर्दा गिराया तूने?
होके दीवाना मुझको है जलाए ये दिल।
ढूंढता तुझको है हर सिम्त देखता है तुझे।
अब मुझको ख़ाक में है यार मिलए ये दिल