मेरे कदम
एक सकून ये भी है
तुम सही हो।
जो है सच है,
और तुम सच हो।
लाख जमीं थरथराई थी,
धड़कन की गति धिमयी थी,
हर अंग में कंपन था,
मौन मन था,
आँखे...
तुम सही हो।
जो है सच है,
और तुम सच हो।
लाख जमीं थरथराई थी,
धड़कन की गति धिमयी थी,
हर अंग में कंपन था,
मौन मन था,
आँखे...