तेरी उल्फत में खत तमाम लिखूं....✍️
तेरी उल्फत में खत तमाम लिखूं
तेरी इक झलक से ही हजारों ख्वाब बुनु ।
बनारस की गलियों में घूमती तुम
मां गंगा के जल जैसी झूमती तुम।
देखा मैने एक रोज तुम्हे दशासमेध घाट पर ,
नीली साड़ी, काले ब्लाउज,बिखरी जुल्फें में खड़ी तुम।
तेरे हर कदम से कदम मिलाते हुए तेरी और बढ़ता रहा।
तेरे पैरो की कोमल...
तेरी इक झलक से ही हजारों ख्वाब बुनु ।
बनारस की गलियों में घूमती तुम
मां गंगा के जल जैसी झूमती तुम।
देखा मैने एक रोज तुम्हे दशासमेध घाट पर ,
नीली साड़ी, काले ब्लाउज,बिखरी जुल्फें में खड़ी तुम।
तेरे हर कदम से कदम मिलाते हुए तेरी और बढ़ता रहा।
तेरे पैरो की कोमल...