मैं और कविता
मैं एक कविता लिखना चाह रही थी
और कविता बनी नही.....
कलम उठाती हूं!
कोरे से पन्ने पर चंद पंक्तियां लिखती हूं!
फिर, मिटा देती हूं!
भाव को छुपाकर भी...
और कविता बनी नही.....
कलम उठाती हूं!
कोरे से पन्ने पर चंद पंक्तियां लिखती हूं!
फिर, मिटा देती हूं!
भाव को छुपाकर भी...