पुरुष .... ✍️✍️✍️
जीव बिना सृष्टि का कोई,
फल कैसे उपजाओगी,
पुरुष नहीं होंगे धरती पर,
तो क्या तुम रह पाओगी?
रावण ही हो पुरुष सभी,
संभव ऐसा भी तो नहीं है,
माना, राधा, सीता है कई,
पर कुछ सूर्पनखा सी भी है
अच्छे बुरे सभी होते हैं,
वो कोई नर हो या फिर नारी,
सारे...
फल कैसे उपजाओगी,
पुरुष नहीं होंगे धरती पर,
तो क्या तुम रह पाओगी?
रावण ही हो पुरुष सभी,
संभव ऐसा भी तो नहीं है,
माना, राधा, सीता है कई,
पर कुछ सूर्पनखा सी भी है
अच्छे बुरे सभी होते हैं,
वो कोई नर हो या फिर नारी,
सारे...