जज़्बात
वो चेहरा बहुत हसीन है,
पर हसता नहीं।
उसका दर्द उसकी आंखों में साफ दिखता है,
पर कहता कुछ नहीं।
उसका अकेलापन उसका साथी है,
जो कभी उसे छोड़ता ही नहीं।
वो इंसान में भी एक जिंदा लाश है
क्योंकि वो मोहबब्त करता ही नहीं।
© Neha Bharti
पर हसता नहीं।
उसका दर्द उसकी आंखों में साफ दिखता है,
पर कहता कुछ नहीं।
उसका अकेलापन उसका साथी है,
जो कभी उसे छोड़ता ही नहीं।
वो इंसान में भी एक जिंदा लाश है
क्योंकि वो मोहबब्त करता ही नहीं।
© Neha Bharti