तेरी याद
कुछ वक्त ठहर जा,कुछ गुफ़्तगू करनी है,
कुछ पल ठहर जा,कुछ बातें तेरी रूह से करनी है..
तू जा ना मुझे छोड़ कर, ख़ुदा से ये मन्नत माँगी है,
कुछ देर ठहर जा तेरे लिए जन्नत मांगी है ...
जो गया तु छोड़ कर, तो भीड़ में भी अकेला लगता है,
जो खुद का था, वो भी अब सपना स लगता है,
जान से ज्यादा चाहा हैं तुझे,
जो ना गया तो ख़ुदा भी अपना लगता हैं.....
Umar-e-jehnat जो साथ छूट जाते हैं,
वो दोबारा मिलने की ख्वाईश,
वो ख्वाब टूट जाते हैं,
वो पल...
कुछ पल ठहर जा,कुछ बातें तेरी रूह से करनी है..
तू जा ना मुझे छोड़ कर, ख़ुदा से ये मन्नत माँगी है,
कुछ देर ठहर जा तेरे लिए जन्नत मांगी है ...
जो गया तु छोड़ कर, तो भीड़ में भी अकेला लगता है,
जो खुद का था, वो भी अब सपना स लगता है,
जान से ज्यादा चाहा हैं तुझे,
जो ना गया तो ख़ुदा भी अपना लगता हैं.....
Umar-e-jehnat जो साथ छूट जाते हैं,
वो दोबारा मिलने की ख्वाईश,
वो ख्वाब टूट जाते हैं,
वो पल...