खोल दे पंख मेरे........
खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा
अभी और उड़ना बाकी हैं
जमीन नहीं माजिल मेरी
अभी पूरा आसमान में उड़ना बाकी हैं
खोल दे पंख मेरे कहता हैं परिंदा
अभी लहरों की खामोशी को पड़ना बाकी हैं
समुद्र लहरों को यूं मजबूर मत समझ
अंदर जितना गहरा बाहर उतना...
अभी और उड़ना बाकी हैं
जमीन नहीं माजिल मेरी
अभी पूरा आसमान में उड़ना बाकी हैं
खोल दे पंख मेरे कहता हैं परिंदा
अभी लहरों की खामोशी को पड़ना बाकी हैं
समुद्र लहरों को यूं मजबूर मत समझ
अंदर जितना गहरा बाहर उतना...