...

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प्रतिक्षा
#प्रतिक्षा
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
बड़ा साधारण है ये जीवन
जो हो अपनी आत्मा से मिलन
हम बतायेगे ज़रूर आपको
की विरह काटी है कैसे आप बिन
मेरे दोस्त हमने कहा कुछ तुमने
सुना कुछ किसी और मान कैसे
लिया सच जब राते गुज़ारी थी
साथ तारे गिन गिन........
अच्छा सब छोड़े एक बात बताये
क्या खुश हो तुम हमसे बात किये बिन
हम तो बस प्रतिक्षा मे काट रहे है दिन
तुम्हारा प्यारा दोस्त तुम्हारे बिन

© ✍️Guru.d.sharma