“Wo”
कैसा मन्ज़र था सामने मेरे
जब क़दम मैंने अपना रक्खा था
उसकी वो झील सी थीं जो आंखें
सारा...
जब क़दम मैंने अपना रक्खा था
उसकी वो झील सी थीं जो आंखें
सारा...