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कलम की कहानी: लेखिका का सफर
मैं लेखिका हूँ,
मैं अपने एहसास शब्दों में ढालती हूँ।
हुनर दिया है भगवान ने मुझे,
कलम से शब्दों को चुन कर,
मैं मोती निकालती हूँ।
अलग-अलग माध्यमों से अपनी पहचान बना रही हूँ,
आज बहुत खुश हूँ कि मैं भी पहचानी जा रही हूँ।
खु़द पर पूरा यकीन है मुझे,
मैं आगे बढ़ती जा रही हूँ।
उम्मीद यही रखती हूँ कि अपनी लेखनी से,
सकारात्मक बदलाव ला रही हूँ।
My poem got selected at all India level
you can read it too on writco app...pyar ya vyapaar
#happy #Joyful #poetrycommunity
© Haniya kaur
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आज बहुत खुश हूँ कि मैं भी पहचानी जा रही हूँ।
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