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रो लेता हूँ...
किसी की ख्वाहिश,
किसी के ख्याल
पर रो लेता हूँ,,,,
बैठ कर तन्हाई में
मैं अपने हाल
पर रो लेता हूँ,,,,
देखता हूँ जब भी
आईने में खुद को,
मैं क्या था और
क्या हो गया,
अक्सर इस सवाल
पर रो लेता हूँ,,,,
उजड़ना मेरा नसीब था,
सो उजड़ गये,
बस कभी कभी
अपनी तकदीर
के इस कमाल
पर रो लेता हूँ!!!!
© Ali
किसी के ख्याल
पर रो लेता हूँ,,,,
बैठ कर तन्हाई में
मैं अपने हाल
पर रो लेता हूँ,,,,
देखता हूँ जब भी
आईने में खुद को,
मैं क्या था और
क्या हो गया,
अक्सर इस सवाल
पर रो लेता हूँ,,,,
उजड़ना मेरा नसीब था,
सो उजड़ गये,
बस कभी कभी
अपनी तकदीर
के इस कमाल
पर रो लेता हूँ!!!!
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