💐💐दर्द समझेगा क्या कोई💐💐
रातें आंखों में गुज़ारी हैं, दर्द समझेगा क्या कोई
सैलाब थाम कर बैठें हैं, कहीं छलक ही न जाए,
बेइंतेहा तड़प बेहिसाब इश्क़, उम्र तमाम ज़ाया की
समझ भी न सका वो, अब और क्या किया जाए,
आंखों में ही बीत गया एक ज़माना,...
सैलाब थाम कर बैठें हैं, कहीं छलक ही न जाए,
बेइंतेहा तड़प बेहिसाब इश्क़, उम्र तमाम ज़ाया की
समझ भी न सका वो, अब और क्या किया जाए,
आंखों में ही बीत गया एक ज़माना,...