...

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*मुझे लगता था*
उसकी बातों में कुछ ऐसी बात है।
कितनी भी कर लो फिर भी उससे बात करने का मन करता रहता है
एक बात कहनी थी तुम से...
तुम कितना भी गुस्सा कर लो,
नाराज़ हो,
बोले ना,
सारी बातों के जबाव सिर्फ हम्म में दो,
कितने भी ताने मार लो,
या हम दिन भर लड़ाई झगडे ही क्यूं ना करें,
फिर भी मैं तुम से जबरदस्ती बात करूंगी
क्योंकि मेरा दिल मन पेट नहीं भरता
तुम से लड़ते और बातें करते
तुम से प्रेम करते करते
मै तुम से ऐसे ही लड़ती रहुंगी
बिना बात के भी और
यूं को परेशान करती रहुंगी
और तुम भी ऐसे ही बिना बात के मुझ से हंसते गुस्सा करते परेशान होते रहोगे
हिमु तू भी ना पूरी पागल है ओर मैं भी कहती रहती थी कि हां पूरी पागल पर सिर्फ अपने इमू के लिए

हम तो एक दुसरे कि खामोशियां अनकही बातें भी समझ आ जाती थी फिर अब...

ब्रेकअप, दुरियां, लड़ाई,झगडे-गुस्सा, कोई ओर शख्स हमारे बीच कभी कोई नहीं आ सकता
कोई हमें अलग नहीं कर सकता

हमारा प्रेम इन सब बातों से ऊपर है।

*ऐसा मुझे लगता था*।।




© काल्पनिक लड़की