@#तेरे पैरों के निशा#@............
तेरे पैरों के निशा आज भी खोजते रहते हैं ,
तू चला कहां गया यही सोचते रहते हैं
अगर जाना ही था तो चला जाता , पर पता अपना बता जाता ,यही सोच कर आंखे नम करते रहते हैं
शायद मिटा देते अब तक अपनी हस्ती ,
पर मिल जाए तू फिर से किसी मोड़ पर इसी उम्मीद में जीते रहते हैं ................
© @herry
तू चला कहां गया यही सोचते रहते हैं
अगर जाना ही था तो चला जाता , पर पता अपना बता जाता ,यही सोच कर आंखे नम करते रहते हैं
शायद मिटा देते अब तक अपनी हस्ती ,
पर मिल जाए तू फिर से किसी मोड़ पर इसी उम्मीद में जीते रहते हैं ................
© @herry
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