बचपन- खुशियों से भरा संसार
बचपन की यादें, अनमोल हैं वीरानी में भी,
खिलते थे फूल, हर कोना बस खुशियों की कहानी में।
छोटी-छोटी खुशियों में बसते थे सपने,
उड़ते थे तितली की तरह, अपनों के साथ खेलने।
चाँद की तरह चमकती थी हर रात बचपन की,...
खिलते थे फूल, हर कोना बस खुशियों की कहानी में।
छोटी-छोटी खुशियों में बसते थे सपने,
उड़ते थे तितली की तरह, अपनों के साथ खेलने।
चाँद की तरह चमकती थी हर रात बचपन की,...