तुम्हारे बिन
क्या थी मैं तुम्हारे बिन
नदी थी मैं किनारे बिन
तुमने ही रोशन किया जहां मेरा
अंधेरी रात थी मैं तारे बिन
थाम कर मेरा हाथ मुझे मेरा वजूद बताया
सात जन्मों की डोर में बांधकर मुझे अपना बनाया
आपको पाकर जन्नत मैंने पाई है
जिन आंखों में कोई सपना न था, उनमें आज...
नदी थी मैं किनारे बिन
तुमने ही रोशन किया जहां मेरा
अंधेरी रात थी मैं तारे बिन
थाम कर मेरा हाथ मुझे मेरा वजूद बताया
सात जन्मों की डोर में बांधकर मुझे अपना बनाया
आपको पाकर जन्नत मैंने पाई है
जिन आंखों में कोई सपना न था, उनमें आज...