पल पल
घुटन थी
उस हवा में
फिर भी खुद से
समझोता करते गये,
तुम्हें पाने के लिये
पल पल राह तकते रहे,
आंखों में नमी ...
उस हवा में
फिर भी खुद से
समझोता करते गये,
तुम्हें पाने के लिये
पल पल राह तकते रहे,
आंखों में नमी ...