कागज पर कलम से
विषय :- कागज पर कलम से
कोरे "कागज पर कलम" से
जो लिखा हाल -ए- दिल अपना..
स्याही भी शरमा गई पढ़कर
और धड़का बैठी खुद अपना जिया..
मोहब्बत को वह पगली बखूबी जो समझती थी वो
कई लोगों की मोहब्बत -ए- दास्तान जो...
कोरे "कागज पर कलम" से
जो लिखा हाल -ए- दिल अपना..
स्याही भी शरमा गई पढ़कर
और धड़का बैठी खुद अपना जिया..
मोहब्बत को वह पगली बखूबी जो समझती थी वो
कई लोगों की मोहब्बत -ए- दास्तान जो...