फुर्सत नहीं...
जिम्मेदरियों से थक...बैठ,जब लेती हूँ गहरी सांस
नजर आती है, जिम्मेदारी कल की
पर फिर भी फुर्सत नहीं, कि खोलूं
वो जीवन के पन्ने खोल,
घूम आऊं...
नजर आती है, जिम्मेदारी कल की
पर फिर भी फुर्सत नहीं, कि खोलूं
वो जीवन के पन्ने खोल,
घूम आऊं...