...

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माँ तेरी नज़र उतार दू!
तेरे पल्लू में बंधे फुरसतों के वो पल
आज तुझ पे निसार दूं
माँ बैठ मेरे पास! मैं तेरी नज़र उतार दूं,

सखी सहेली मेरी गुरु और शिक्षक
कभी बन जाती जीवन रक्षक
बनके तेरी परछाई खुशियों को वार दूं
माँ बैठ मेरे पास! मैं तेरी नज़र उतार दू़ं!

तेरी मन्नतों में ईश्वर ने खुद को समेटा है,
तेरे बगैर दुनिया का श्रंगार अधूरा है
ला काजल की डिबिया काला टीका लगा दूं
माँ बैठ मेरे पास! मैं तेरी नज़र उतार दूं!

नतमस्तक हूँ ईश्वर के आगे
माँ के कदमों में जन्नत पाके
एक नहीं सौ जीवन न्यौछावर दूं
माँ बैठ मेरे पास मैं तेरी नज़र उतार दूं!

✍ranu
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