बिखरता हर रोज हूं संवरता हर रोज हूं
बिखरता मै रोज हूं सवरता मै रोज हूं ।
इस वक्त के पहलू में उजड़ता हर रोज हूं।
कांटो भरे इस शहर में मै चलता हर रोज हूं।
जीने के दिखावे में मरता हर रोज हूं।
जाऊ कहां किस जगह हर तरफ...
इस वक्त के पहलू में उजड़ता हर रोज हूं।
कांटो भरे इस शहर में मै चलता हर रोज हूं।
जीने के दिखावे में मरता हर रोज हूं।
जाऊ कहां किस जगह हर तरफ...