जद्दोजहद...
जद्दोजहद है मानस की आसमाँ पे लकीरे खींचने की
समर शुचि हो चुकी रक्त-रंजित से,खौफ साए फैला रहा
कमत्तर हो रही साँसों की लौ तम रंजिश फैला...
समर शुचि हो चुकी रक्त-रंजित से,खौफ साए फैला रहा
कमत्तर हो रही साँसों की लौ तम रंजिश फैला...