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सफलता व असलियत ज़िन्दगी की 🖤🖤🖤
है ज़िन्दगी रेगिस्तान🏜️ के जैसी
मृगतृष्णा-से सारे वादे है🤝
सच्चे रिश्ते है क्षण - भंगुर💥
सब कुछ यहाँ दिखावे है🙄🙄

मुखौटे 🤡में छुपा है हर आदमी👿👿
सच तो जैसे सिर्फ एक सपना है 😧
अजनबी -से चेहरे सारे
कौन यहाँ पर अपना है❓❓

कठपुतली के मानिद है सब👬👭👫
किसकी यहाँ पर चलती है ❓
किसपर मैं करू विस्वास 😞😞
सब लोग यहाँ पर फर्जी है 👹👹।।

झूठ से चलते है ये रिश्ते
झूठ से जोड़े जाते है
सच जरा सा कह 🗣️ दो इनसे👤👤
पल भर में टूट जाते है 💔💔।।

मुट्ठी में बंद रेत से रिश्ते
इक झोंके 🌫️🌫️ में बिखर जाते है 😞
कस कर पकड़ लो इनको तो
हाथो 🤚 से फिसल जाते है।।

इस ज़िन्दगी 👩🏻के रंगमंच में
ऐसे दाव -पेच खेले🏏🏑 जाते है
कभी- कभी तो आपके अपने भी
आपको अपना कहने🗣️से कतराते है

बेजान- सा लगता है ये जीवन
सोचा 🤔 अलविदा 👋 कह🗣️ दूं सबको👭
ज़ार - बेज़ार मेरा दिल💖 रोता🙎🏻
अब अपना कहु 🗣️ मैं किसको🤷🏻

कहता 🗣️ है कोई यकी करो
यकीं कभी ना तोरूँगा
कहता🗣️कोई हाथ🤚 थाम लो
हाथ 🤚कभी न छोरूँगा

नहीं❌ चाहिए साथ किसी का 🙍🏻
छोर दो जैसी हालत है
सब जान लिया है क्यों आते हो 😠
आना तो सिर्फ एक लालच है🤑🤑

काम पड़े तो कहाँ हो तुम ❓
सब मतलब का व्यवहार है
काम करा कर भागते 🏃ऐसे,
जैसे यहाँ सब अंजान 🤷🏻है

क्या हुआ ? जो में टूट 💔 गयी
ठोकर खाई हर पल बिखरी 🙍🏻
कर लो तुम भी थोड़ी आजमाइस 💁🏻
पर अब फिर ना में 🙅🏻 टूटूंगी💪

कभी तो होगा निशा 🌃 का अन्त❌
कभी तो रौशनी 🌇 आएगी
जीवन- पटल पर मेरे एक 1⃣ दिन 🌄
सूरज की लालिमा छाएगी 🌆

अन्तर्मन कहता🗣️ है तुम रुकना नहीं ❌
बढ़ते जाना पर तुम थकना नहीं ❌
चाहे गिरना पर तुम उठना
मंज़िल को तुमको है पाना 🗽

कहूँगी 🗣️ यह सबको
छोड़ जाने दो साथ सबको
तुम कभी रुको नहीं❌
तुम कभी झुको नहीं❌

संघर्ष के राह में जो मिला
करो स्वीकार तुम थमो नहीं❌
जीवन पथ पर जो बढ़ा चला
है अडिग और सफल वही☝️☝️

एक 1⃣ बात कहूँगी 🗣️ विस्वास न ❌ कर
जारी किया यह अर्ज़ी है
धोखे से चलती यह दुनिया🌍
सब लोग यहाँ पर फर्जी है 🤡🤡


© SUHANI