तुम समझते नहीं
तुम समझते नहीं, मेरे अंदर कभी तुम झांकते नहीं
इतना दर्द में हूं कि तुम्हे बयां ना कर सकता
गर कभी बता भी दुं तो तुम समझोगी मुझे नहीं लगता
बहुत लाचार होगया हूं में और चल नहीं सकता
पैर सुन पड़ गए है मेरे और तेरे साथ भाग नहीं सकता
इतना कमज़ोर हूं में अब की ये दुनियां भारी...
इतना दर्द में हूं कि तुम्हे बयां ना कर सकता
गर कभी बता भी दुं तो तुम समझोगी मुझे नहीं लगता
बहुत लाचार होगया हूं में और चल नहीं सकता
पैर सुन पड़ गए है मेरे और तेरे साथ भाग नहीं सकता
इतना कमज़ोर हूं में अब की ये दुनियां भारी...