जद म्हँ चालू थारी लार
तुलसी बिच गुआडी , रुख द्वारे सोवें
छाजै बैठे चिड़ी कागला , खेता हळियों जोवें
बाजै साँझ पड्या घर थारे झालर री झणकार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
***
चूल्हा पाछै कलेड़ी , ढळै चौबारे खाट
प्रभाते सुणे कानडा , बाजता चाकी आळा पाट
रेवे बारह मिना बेहती ...
छाजै बैठे चिड़ी कागला , खेता हळियों जोवें
बाजै साँझ पड्या घर थारे झालर री झणकार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
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चूल्हा पाछै कलेड़ी , ढळै चौबारे खाट
प्रभाते सुणे कानडा , बाजता चाकी आळा पाट
रेवे बारह मिना बेहती ...