![...](https://api.writco.in/assets/images/post/default/story-poem/normal/HUMOR A.webp)
5 views
जद म्हँ चालू थारी लार
तुलसी बिच गुआडी , रुख द्वारे सोवें
छाजै बैठे चिड़ी कागला , खेता हळियों जोवें
बाजै साँझ पड्या घर थारे झालर री झणकार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
***
चूल्हा पाछै कलेड़ी , ढळै चौबारे खाट
प्रभाते सुणे कानडा , बाजता चाकी आळा पाट
रेवे बारह मिना बेहती घर थारे धोळी धार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
***
मिले थळी भरी जूत्या की , ओट्याणा री ओट
मान मिले मौकळो,चाहै मिल जावै थोड़ा नोट
मिलै मंड्या माड़ना घर थारे तीज त्यौहार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
***
सम्भळ्या हो रीति रिवाज ,सम्भळी हो हर पीढ़ी
घणा उछाव स्यूँ चढ़स्यूँ ,म्हँ थारे घर की सीढी
ओर हाँ घर थारों हो पण हो म्हारों परिवार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
छाजै बैठे चिड़ी कागला , खेता हळियों जोवें
बाजै साँझ पड्या घर थारे झालर री झणकार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
***
चूल्हा पाछै कलेड़ी , ढळै चौबारे खाट
प्रभाते सुणे कानडा , बाजता चाकी आळा पाट
रेवे बारह मिना बेहती घर थारे धोळी धार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
***
मिले थळी भरी जूत्या की , ओट्याणा री ओट
मान मिले मौकळो,चाहै मिल जावै थोड़ा नोट
मिलै मंड्या माड़ना घर थारे तीज त्यौहार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
***
सम्भळ्या हो रीति रिवाज ,सम्भळी हो हर पीढ़ी
घणा उछाव स्यूँ चढ़स्यूँ ,म्हँ थारे घर की सीढी
ओर हाँ घर थारों हो पण हो म्हारों परिवार
जद म्हँ चालू लारा थारी बणके पिया घरनार
Related Stories
12 Likes
0
Comments
12 Likes
0
Comments