➡️मां का आंचल ⬅️
तुम चलते रहो
राहै पकड़ते हो
चाहे कितना ही बड़ा बन जाओ
पर कभी इसे मत भूलना की
तुम्हें चलना सिखाने वाली तुम्हारी मां ही है
खुद बारिश में भीग कर ...
राहै पकड़ते हो
चाहे कितना ही बड़ा बन जाओ
पर कभी इसे मत भूलना की
तुम्हें चलना सिखाने वाली तुम्हारी मां ही है
खुद बारिश में भीग कर ...