...

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❤मुसाफ़िर दिल❤
दिल तो अकेला मुसाफ़िर है,
जहाँ चाहेगा ठहर जाएगा..
दर्द का सबब बनकर मिला जो भी,
वो घाव भी इक दिन भर जाएगा..

यहाँ कुछ भी मुकम्मल नहीं रहता,
ये वक्त है साहब, गुज़र जाएगा..
हुनर के आईने को रौशन तो कर,
चेहरा तेरा भी सबको नज़र आएगा..

और ये भी इक दिन ज़रूर होगा,
ज़ेहन से तेरे, हर ग़म दूर होगा..
अभी गुमनाम है, थोड़ा सब्र कर ले,
नाम तेरा भी यहाँ मशहूर होगा..
𝖘𝖍𝖆𝖐𝖙𝖎
© #socialsaintshakti