YEH HAI KALYUG
मत सोचो किसी के लिए इतना,,
अपना ही देखो हो सके जितना।।
उसको फर्क नहीं पड़ेगा चाहे तुम्हारी सांसे भी जाए रुक,,
यहां कोई किसी का नहीं होता, ये है कलयुग।।
सब घमंडी होते हैं इस दुनिया में,
प्यार...
अपना ही देखो हो सके जितना।।
उसको फर्क नहीं पड़ेगा चाहे तुम्हारी सांसे भी जाए रुक,,
यहां कोई किसी का नहीं होता, ये है कलयुग।।
सब घमंडी होते हैं इस दुनिया में,
प्यार...