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बजरंगबली
जय जय जय बजरंगबली
तुम्हरे आगे दुश्मन की एक न चली
तुमने ही सिया राम के काज संवारे
चारों ओर हो रही चर्चा भली भली
सिया के विरह में व्याकुल श्री राम
तुम्हरी बुद्धि से सिया सुधि मिली मिली
रावण जैसे महाभट हारे
तुम्हरे विकट रुप से लंका जली जली
रणभूमि में मूर्च्छित हुए जब लक्ष्मण
तुम्हरी शक्ति से संजीवनी मिली मिली
नागपाश में बंध गए राम लखन
तुम्हरी बुद्धि कौशल से नागपाश कटी कटी
पाताल पुरी में जाकर अहिरावण को मारा
राम लखन भी करें प्रशंसा भूरि भूरि

© सरिता अग्रवाल