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तुम्हारी याद में...
लिख रहा हूं एक शोख गजल तुम्हारी याद में ,
जिसका ताल्लुख है जानम,
सिर्फ तुमसे मिलने की फरियाद में,
कटेगा कैसे आज का मेरा एक एक पल का सफर,
आंखों से भी गायब होगी मेरी नींद रहेगी ना जाने किधर,
सोच रहा हूं तुम्हारी गैर मजूदगी में क्या पैगाम लिखूं,
कुछ ऐसा व्यस्त हो जाऊं की रात को सुबह और सुबह को शाम करूं।
अब न दिल की कोई तमन्ना है न चाहत है।
अब तो तुम आ जाओ मेरे करीब तभी मुझे राहत है।
© nainshi anand
जिसका ताल्लुख है जानम,
सिर्फ तुमसे मिलने की फरियाद में,
कटेगा कैसे आज का मेरा एक एक पल का सफर,
आंखों से भी गायब होगी मेरी नींद रहेगी ना जाने किधर,
सोच रहा हूं तुम्हारी गैर मजूदगी में क्या पैगाम लिखूं,
कुछ ऐसा व्यस्त हो जाऊं की रात को सुबह और सुबह को शाम करूं।
अब न दिल की कोई तमन्ना है न चाहत है।
अब तो तुम आ जाओ मेरे करीब तभी मुझे राहत है।
© nainshi anand
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