दिली खाईश
दिल के कोने मे थी एक बात,
खो गया बिन तेरे साथ !
दिल का दिमाग से जगड़ा हर रात,
केसे माँगू में तेरा हाथ ?
मृगतृष्णा से मेरे हालात,
भटका हुआ...
खो गया बिन तेरे साथ !
दिल का दिमाग से जगड़ा हर रात,
केसे माँगू में तेरा हाथ ?
मृगतृष्णा से मेरे हालात,
भटका हुआ...