संहार
किसी की लाडली थी वो,
इक नन्ही सी कली थी वो,
खिलने से पहले ही,
उसे नोच लिया,
जाने कैसा काल है,
या कौन सा युग है ये,
जो भगवान को पा कर अकेला,
किसी शैतान ने दबोच लिया,
नौ दिन...
इक नन्ही सी कली थी वो,
खिलने से पहले ही,
उसे नोच लिया,
जाने कैसा काल है,
या कौन सा युग है ये,
जो भगवान को पा कर अकेला,
किसी शैतान ने दबोच लिया,
नौ दिन...