Being Nature (Hindi)
My poem:-
इन प्रकाश की कृत्रिम किरणों से मेरा शरीर जल रहा,
शांत एकांत जगह के लिए मेरा मन मचल रहा।
इच्छित जगह की तलाश में ,
लोगों के शोर से दूर,
कहीं एकांत में बैठकर ,
बनाना चाहता हु अपने समय को कोहिनूर।
अपने ही...
इन प्रकाश की कृत्रिम किरणों से मेरा शरीर जल रहा,
शांत एकांत जगह के लिए मेरा मन मचल रहा।
इच्छित जगह की तलाश में ,
लोगों के शोर से दूर,
कहीं एकांत में बैठकर ,
बनाना चाहता हु अपने समय को कोहिनूर।
अपने ही...