रूठे रूठे से सनम...
रूठे रूठे से सनम हरदम ...
तो कैसे जियेंगे हम..
स्वाती की बूंद बनके
गर बरसोगे तुम नही
मर जायेंगे तड़प के
कुछ नही पियेंगे हम..
इक तेरी ख्वाहिश में
जिंदा रहते है हम..
तो कैसे जियेंगे हम..
स्वाती की बूंद बनके
गर बरसोगे तुम नही
मर जायेंगे तड़प के
कुछ नही पियेंगे हम..
इक तेरी ख्वाहिश में
जिंदा रहते है हम..
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