...

3 views

मात्र अपवाद था
तुमने कभी चाँद सितारे तोड़
लाने के वादे नहीं दिए मुझे ,
मगर ' तुम कर सकती हो '
कहकर सदा ही मेरा मनोबल बढ़ाया ,
तुमने कभी मेरी बिन्दी ,
मेरे झुमके पर , कविताएँ नहीं लिखीं ,
मगर मेरे हाथों में पुस्तकें देख ,
तुम्हारे चेहरे पर गर्व झलकता था ,
तुम मेरा हाथ पकड़कर दूर कहीं
भाग जाने की बातें नही करते थे ,
मगर मेरी हार पर भी मेरी पीठ थपथपाते थे ,
तुम कहते थे कि मैं हार के नहीं ,
डर से जीत के आई मेरे शहर छोड़ते समय ,
तुम रोए थे मेरे आगे ,
मैं कैसे मान लूँ हमारा प्रेम ,
मात्र अपवाद था ?