तारीख़ें बाकी हैं...
पूरा साल बीतने के बाद भी कुछ तारीख़ें बाकी हैं,
दिल में यूँ मरम्मत के बाद भी कुछ दरारें बाकी हैं।
जाने कैसे पल-भर में गुज़र जाते हैं ये अच्छे पल,
बुरे पल गुज़रने के बाद भी कुछ भुलाने बाकी हैं।
लफ़्ज़ हो...
दिल में यूँ मरम्मत के बाद भी कुछ दरारें बाकी हैं।
जाने कैसे पल-भर में गुज़र जाते हैं ये अच्छे पल,
बुरे पल गुज़रने के बाद भी कुछ भुलाने बाकी हैं।
लफ़्ज़ हो...