...

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इन्तजार पिया आपका
तूफान वायरो तेज, गहरा बादल गाजवे।
हिरदे उमट्यो हेज, घरां पधारो शायबा।।
ऊभी जोऊं वाट, बरसे बादल जोर गा।
आभे में अरड़ाट, घरां पधारो शायबा।।
डरतां दुखे डील, थांसू मिटसी धूजणी।
आग लगावे हील, घरां पधारो शायबा।।
कमी नही है कोय, मन नी लागे आप बिन।
सब सुख थां सूं होय,घरां पधारो शायबा।।
छोड़ो क्रोडां काज,कामण ने मत विसरो।
अंतस झुरवे आज,घरां पधारो शायबा।।
ताता भोजन त्यार, बाजोट अडीके आप ने।
मानो कामण मनवार, घरां पधारो शायबा।।
लेश न आई लाज, कामण छोड़ी एकली।
जो नही आया आज, प्राण तजूला रातमें।।
वेरण काली रात, कील घुसेड़े कालज्ये।
विरहण री सुण वात, घरां पधारो शायबा।