...

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सौ साल पहले
एक समय मे नदियां आराम से बहती थी
लोग पक्षी पशु पानी मे विचरते  खेलते कूदते आनन्द करते थे
हवा पानी शुद्ध था
सब को प्यारी मदमस्त हवा मिलती
सब मग्न थे
फिर एक अविष्कार हुआ
इसका नाम था कार
छोटी बड़ी हर तरह की कार
लोगो ने खरीदनी शुरू की
छोटी
और बड़ी
500 हॉर्स पावर की
अहम की तुष्टि होती थी
ज़्यादा बड़ी कार ज़्यादा दिखावा
ज़्यादा शक्ति का आभास
लोगों में स्पर्धा हुई
मेरी कार अच्छी है तुम्हारी से
मेरा suv है 12 सीटर का
चाहे मैं अकेला ही जाता हूँ
मेरा ट्रक जैसा है मेरा घर है यह तो
हज़ारो करोड़ घन मीटर कार्बन डाइऑक्साइड बनने लगी
नदियों में ज़हर घुलने लगा
पशु पक्षी मरने लगे
त्राहि त्राहि
पीने का पानी जो बचा था बिकने लगा
कोल्ड ड्रिंक भी
फिर ऑक्सिजन भी बिकने लगी
कार कार प्रेम फिर भी खत्म नही हुआ
मैं तो छह मैं तो आठ खरीदूंगा
पानी नही हवा नही
कार है ट्रक भी है
प्रदूषण भी है
हवा पानी बिक रहा है
वायरस भी आ गया
कोई यात्रा नही
कोई मनोरंजन नही
कोई नदी तालाब नही
सिर्फ अकेले घर मे बैठो
जीवन बचा लो अपना
कार का श्राप
1600 हॉर्स पावर का
(अधिकतम कार पॉवर )