...

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ख़ास न्योता

न्योता मिला था तुम्हें, इश्क़ का इक़रार करने को,
पास बुलाकर हमें मोहब्बत नहींँ, दोस्त बना लिया।
दास्तान अपने मोहब्बत का लिखना चाहा हमने,
दरीचे पर ही मज़ार तक का रास्ता था दिखा दिया।

कहने को तैयार थे, तेरे सितम सारे सह जाने...