था ही क्या हमारे पास
था ही क्या हमारे पास
था ही क्या हमारे पास
सभी कुछ तो
उसी की दया दृस्टि का
कमाल है
जो दिया बिन माँगे दिया
ऊपर वाले से हमें न कोई गिला
उसी का शुक्रिया तो हर
पल हमने किया
माया नगरी में
वरना चल पाना
बड़ा ही मुश्किल
अपना किसी को कहना
बड़ा ही मुश्किल
आस्था पे विश्वास की मुहर
लगाना भी मुश्किल
था ही क्या हमारे पास
ईश्वर ने जब दिया सहारा
उसी आस के दीपक से
मन में किया उजियारा
अपनी जिन्दगी को उसी
उजियारे से रौशन किया हमने...
था ही क्या हमारे पास
सभी कुछ तो
उसी की दया दृस्टि का
कमाल है
जो दिया बिन माँगे दिया
ऊपर वाले से हमें न कोई गिला
उसी का शुक्रिया तो हर
पल हमने किया
माया नगरी में
वरना चल पाना
बड़ा ही मुश्किल
अपना किसी को कहना
बड़ा ही मुश्किल
आस्था पे विश्वास की मुहर
लगाना भी मुश्किल
था ही क्या हमारे पास
ईश्वर ने जब दिया सहारा
उसी आस के दीपक से
मन में किया उजियारा
अपनी जिन्दगी को उसी
उजियारे से रौशन किया हमने...