ख़ुदारी
जहां में ग़म का कोई खरीदार नहीं।
खुशीयों का यहां कोई बाज़ार नहीं।
हर कोई यहां जन्नत की तालाश में!
मगर मरने को यहां कोई तैयार नहीं।
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खुशीयों का यहां कोई बाज़ार नहीं।
हर कोई यहां जन्नत की तालाश में!
मगर मरने को यहां कोई तैयार नहीं।
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