मैं और मेरी आवारगी
मैं और मेरी आवारगी, जैसे कोई कहानी हो।
हर इक सफ़र पर मेरा, इक नई निशानी हो।
कभी तारों में खो गया, कभी चांद से बातें कीं!
कभी दिल ने चाहा मुझे, तो कभी अनजानी हो।
वफ़ा से जब...
हर इक सफ़र पर मेरा, इक नई निशानी हो।
कभी तारों में खो गया, कभी चांद से बातें कीं!
कभी दिल ने चाहा मुझे, तो कभी अनजानी हो।
वफ़ा से जब...