तुझे अपनी मां के कदमों में झुकाऊंगा
ये खुला आसमां में एक छोटा सा परिंदा हूं में ,,
मां को अकेला छोड़ कर सहर आने वाला एक असहाय लड़का हूं में ।।
कुछ दिन पहले घर से निकला था,,
निकलते समय मां की दुआ साथ ले लेकर निकला था ।।
डर लगता है की
तेरी ही शहर में केही गुम ना हो जाऊं ,,
तुझे ढूंढते ढूंढते केंही बदनाम ना हो जाऊं ।।
याद आता है बहत कुछ
पापा की यादों में बहत रोया हूं, अपना बचपन गांव में खो कर आया हूं ।।
उस चोखट पर आज भी मेरी मां मेरा इंतजार कर रही है,
मेरी भाग्य की चिंता करके ओ आज...
मां को अकेला छोड़ कर सहर आने वाला एक असहाय लड़का हूं में ।।
कुछ दिन पहले घर से निकला था,,
निकलते समय मां की दुआ साथ ले लेकर निकला था ।।
डर लगता है की
तेरी ही शहर में केही गुम ना हो जाऊं ,,
तुझे ढूंढते ढूंढते केंही बदनाम ना हो जाऊं ।।
याद आता है बहत कुछ
पापा की यादों में बहत रोया हूं, अपना बचपन गांव में खो कर आया हूं ।।
उस चोखट पर आज भी मेरी मां मेरा इंतजार कर रही है,
मेरी भाग्य की चिंता करके ओ आज...