...

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शांति वाला ढोंग
तुम्हे इस तरह शांत देख कर हसी आ रही है,
तुम्हारी शैतानियां हमे याद आ रही है।
हुआ क्या जो तुम ऐसे मौन हो?
मुझे तो लगा कि तुम यहां के डोन हो।

तुम पर ये शांति अच्छी नही लग रही,
बन जाओ तुम पहले थे जो वही।
वरना मेरी हसी तुम्हे देख कर बंद नही होगी,
ऐसे तो लग रहे हो ऐसे तुम तो पूरे ढोंगी।

निभाओ तुम अपना असली किरदार,
जिसके तुम हो पूरे हकदार।
और बंद करो ये नौटंकी,
बन जाओ तुम फिर से शरारती मंकी।
धन्यवाद।
© Mohit