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जिंदगी
क्या है जिंदगी?
जब हो ज़मीन पर पाव
सर पे छाव
और दिल में घाव
जब तुम समझो की सब सही होना जरूरी नहीं
जब किसीसे आस हो
जीने की प्यास हो
लोग तुम्हारे पास हो
तुमसे दूर तुम्हारे खास हो
जब तुम्हे महसूस हो हमेसा खुशियां मिलती नही
जब सपने हो तुम्हारे
तुमसे दूर हो किनारे
जब अपनो के हो सहारे
जब तुम पहचानो क्या गलत और सही
मन में कई बात हो
दिल में भरा ज़ज़बात हो
पर कोई ना तुम्हारे साथ हो
और खाली तुम्हारे हाथ हो
जब तुम स्वीकार करो
की कठिनाइया शिक्षा है मजबूरी नहीं
जब प्यार ,नफ़रत ,जलन ,घमण्ड ,
सुख, दुख ,परेशानी,
दोस्ती - दुश्मनी ,निरासा,क्रोध
और ना जाने क्या-क्या सामने आएगा
जब तुम जानो की ये सब जिंदगी है केवल सांस लेना जिंदगी नहीं
जब हो ज़मीन पर पाव
सर पे छाव
और दिल में घाव
जब तुम समझो की सब सही होना जरूरी नहीं
जब किसीसे आस हो
जीने की प्यास हो
लोग तुम्हारे पास हो
तुमसे दूर तुम्हारे खास हो
जब तुम्हे महसूस हो हमेसा खुशियां मिलती नही
जब सपने हो तुम्हारे
तुमसे दूर हो किनारे
जब अपनो के हो सहारे
जब तुम पहचानो क्या गलत और सही
मन में कई बात हो
दिल में भरा ज़ज़बात हो
पर कोई ना तुम्हारे साथ हो
और खाली तुम्हारे हाथ हो
जब तुम स्वीकार करो
की कठिनाइया शिक्षा है मजबूरी नहीं
जब प्यार ,नफ़रत ,जलन ,घमण्ड ,
सुख, दुख ,परेशानी,
दोस्ती - दुश्मनी ,निरासा,क्रोध
और ना जाने क्या-क्या सामने आएगा
जब तुम जानो की ये सब जिंदगी है केवल सांस लेना जिंदगी नहीं
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