...

1 views

अलविदा 2024
चलो भूल जाते हैं वो सफर
जिसने किया हमें हमसे बेखबर
पांव रोका था कभी जिधर
चलो शुरू करते हैं अब नया सफर

नई मंजिल की नई राहें बुनते चलें
नई चाह और नई उमंग के संग चलें
चलो लेने चले खुद की खबर
चलो उठो कर मजबूत अपना जिगर

अरे पागल है क्या? तुझे ही करनी है तेरी फिकर
चल उठ चल अब पड़े_ पड़े गया है अकड़
एक नई सुबह का जो ख्वाब पिरोया है वर्षो से
जंग लग रही तेरे जतन में
कुंठित मन संघर्ष और पतन में
चल उठ चल झूमते हैं गगन में

चल खुशबू लाएं फिर से पवन में
इस नए साल की नई सुबह
नए हौसलों की उड़ान भरते हैं
टूटी उम्मीदों और टूटे मन को
फिर एक बार उम्मीदों से भरते हैं

चलो मंजिल की नई राहें बुनते हैं
मोका आखिरी है इस बार
होगा आर_ या _ पार
फिर न हो जिंदगी भर,
खुद की जिंदगी से धिक्कार
चलो करते हैं संघर्ष से श्रृंगार
चलो उठो न बस एक और बार

छोड़ आए जिसके लिए घर_ बार
चलो खामोशी को और खामोश करते हैं
चलो बिन...