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लड़की जो जीना चाहती थी पर......
एक 16 साल की विद्यालय में पढ़ने वाली लड़की जो अपनी स्वतंत्र विचारधारा रखती थी। उसे एक 20 साल के लड़के ने अपनी विकृत मानसिकता एवं लड़के की एक असफल परवरिश के कारण बेरहमी से चाकू से 20-25 वार करते हुए मार दिया गया एवं आसपास खड़े लोग बस देखते रहे, जिन्हें हम समाज कहते हैं। क्या इस तरह से एक स्वस्थ समाज बनेगा? आखिर क्यों वर्तमान में लोगों में इंसानियत नहीं रह गई है? इस तरह से तो कोई भी लड़की सुरक्षित कैसे महसूस करेंगी।
क्या बीता होगा उस लड़की के घर वालों पर जब उन्होंने खून से लथपथ अपनी बिटिया की लाश को देखा होगा। आपको इस तरह की दर्दनाक घटनाओं को रोकने के लिए अपने घर से ही शुरूआत करनी होगी। अपने बच्चों को अच्छे मूल्यों से पोषित करें। मुख्यतः अपने बेटों को जो बाहर घूम रही नारी को वस्तु न समझकर एक इंसान समझे। इन घटनाओं पर आप ही विराम लगा सकते है। नहीं तो बने रहे वहीं मूक दर्शक समाज जो तमाशा देखना पसंद करता है क्योंकि उसके घर की बात थोड़ी है उसे क्या मतलब। और इस तरह के इंसान जो अब असामाजिक तत्व बन चुके हैं और इंसानियत का इतने भयानक तरीके से हनन् कर रहे हैं उनके लिए फांसी से कम कोई सजा नहीं होनी चाहिए।
धन्यवाद आपने अपना अमूल्य समय दिया।🙏
© dinesh@M