विचारों की दुनिया✍️
कभी ख़ुशनुमा तो कभी ज़हर दुनिया
कभी झुर्रियों तक इंतज़ार दुनिया
कभी किसी की एक नज़र की मुस्कान दुनिया
कोई महफ़िल में होकर खुद को बेज़ार लिखता है
कोई सुख के क्षणिक लम्हों को बार बार लिखता है
कोई दर्द लिखता है कोई शक लिखता है
कोई सच तो कोई इंतज़ार लिखता है
कोई विचारों में शब्दों को...
कभी झुर्रियों तक इंतज़ार दुनिया
कभी किसी की एक नज़र की मुस्कान दुनिया
कोई महफ़िल में होकर खुद को बेज़ार लिखता है
कोई सुख के क्षणिक लम्हों को बार बार लिखता है
कोई दर्द लिखता है कोई शक लिखता है
कोई सच तो कोई इंतज़ार लिखता है
कोई विचारों में शब्दों को...